राधा गोकुल में नीर बहाए रे
रानी हजारों तेरी रुक्मण पटरानी
तेरे सिवा ना किसी की राधारानी
कहे मोहन कोई ढूंड के लाए रे
राधा गोकुल में नीर बहाए रे
तेरे महल कान्हा नित ही दिवाली
राधा की तुम बिन पूनम भी काली
रो रो नैनों की जोत गंवाए रे
राधा गोकुल में नीर बहाए रे
लाखों को पार कान्हा तूने उतारा
बस जीते जी तूने राधा को मारा
फिर क्यों पालनहार कहाए रे
राधा गोकुल में नीर बहाए रे
ओ मेरे कान्हा !
अब समय आ गया है
तुम्हारे वापस आ जाने का
और मुझे पता है
तुम आ भी जाओ, शायद
पर क्या तुम
इस सांझ की बेला में
वो महक ला सकोगे
जो तुम्हारे जाने से पहले थी
क्या तुम वो बीते पल ला सकोगे
जो मैंने बगैर तुम्हारे तनहा sगुजारे
मेरे उन आंसुओ का हिसाब दे सकोगे
जो दिन रत अनवरत बहते ही रहे
तुम किस किस बात का हिसाब दोगे
और मैं तुमसे हिसाब मांगू ही क्यूँ
क्या अधिकार रहा मेरा तुम पर
तुम जाते वक्त सब, हा सब,
साथ ही तो ले गए अपने
और जानते हो कान्हा
एक बार कोई अपना, पराया हो जाए, तो,
फिर वो अपना नहीं रहता
और ये बात तुमसे अच्छा कौन समझ सकता है
जय श्री कृष्णा _/\_ ....
दिल पर ऐसे भी दर्द को उतरते देखा कान्हा,
हम ने चुपचाप तुम्हें खुद से बिछड़ते देखा,
तुझको सोचा तो हर सोच में खुशबू उतरी,
श्याम लिखा तो हर लफ्ज़ महकते देखा,
याद आ जाये तो काबू नही रहता दिल पर,
श्याम इस दुनिया ने भी हमको तड़पते देखा,
तेरी सूरत को बस आँख ही नही तरसी है,
रास्तों को भी तेरी याद में रोते देखा,
हम मोहब्बत के लिए आज भी दीवाने हैं,
ये अलग बात है की तुमने मुड कर नही देखा।
जय जय श्री राधे .........



मोहे गोकुल ऐसो भायो सखी http://neelsahib.blogspot.in/
ReplyDeleteवाह राधिका जी मेरी रचना को यहाँ स्थान दिया। आभारी हूँ मोहे गोकुल ऐसो भायो सखी http://neelsahib.blogspot.in/
ReplyDeleteवाह राधिका जी मेरी रचना को यहाँ स्थान दिया। आभारी हूँ मोहे गोकुल ऐसो भायो सखी http://neelsahib.blogspot.in/
ReplyDeleteमोहे गोकुल ऐसो भायो सखी http://neelsahib.blogspot.in/
ReplyDelete