Tuesday, 27 May 2014


मेरा दिल दीवाना हो गया वृंदावन की गलियों में ,
वृंदावन की गलियों में ,बरसाने की गलियों में ,
जो होना था सो हो गया ,वृंदावन की गलियों में

सावन की मस्त हवाएं ,यहाँ रिमझिम पड़े फुहारें ,
मन बंशी की धुन में खो गया ,वृंदावन की गलियों में 

मेरे मोहन मुरली वाले .मुझे तुझ बिन कौन सँभाले
मेरा चित्त चुराकर वो गया , वृंदावन की गलियों में

राधे का ध्यान लगाया ,मेरा बांके बिहारी आया ,
राधे संग दर्शन हो गया ,वृंदावन की गलियों में

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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