जग के सारे बंधन छूटें
बस तुमसे ही काम रहे
अंत समय आए तो कान्हा
मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
छुपा रहूं जग के आगे
भींगू कृपा बरसात में
देखूं तुमको कण कण में
बोलूं तुझको हर बात में
भेजोगे जो फिर धरती पे, गोकुल मेरा गांव रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
मेरी सुबह शुरू तेरे नाम से
और शाम भी तेरे नाम पे
नाचे मन मेरा मयूर
मोहन मुरली की तान पे
सपनों में मुझे दर्शन देना, नख गोबर्धन धाम रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
मैं झुका के सर को चरणों में
अंसुवन से पांव पखारूँगा
मन के मंदिर में बिठा तुम्हें
जीवन भर नित्य निहारूँगा
दिन बीते मेरा वृन्दावन में, बरसाने की शाम रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
आना होगा तुमको एक दिन
पागल मन की कलियों में
मेरा रोम रोम है नाच रहा
कान्हा गोकुल की गलियों में
जब भी मोहन दर्शन देना, राधा रुक्मण साथ रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
है आनन्द कथा में जब
द्वापर जाने कैसा होगा
तेरे नाम में रस इतना है भरा
तू स्वयं मधुर कितना होगा
स्वाद चखा दे निज भक्ति का, सफल मेरी अरदास रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
बस तुमसे ही काम रहे
अंत समय आए तो कान्हा
मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
छुपा रहूं जग के आगे
भींगू कृपा बरसात में
देखूं तुमको कण कण में
बोलूं तुझको हर बात में
भेजोगे जो फिर धरती पे, गोकुल मेरा गांव रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
मेरी सुबह शुरू तेरे नाम से
और शाम भी तेरे नाम पे
नाचे मन मेरा मयूर
मोहन मुरली की तान पे
सपनों में मुझे दर्शन देना, नख गोबर्धन धाम रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
मैं झुका के सर को चरणों में
अंसुवन से पांव पखारूँगा
मन के मंदिर में बिठा तुम्हें
जीवन भर नित्य निहारूँगा
दिन बीते मेरा वृन्दावन में, बरसाने की शाम रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
आना होगा तुमको एक दिन
पागल मन की कलियों में
मेरा रोम रोम है नाच रहा
कान्हा गोकुल की गलियों में
जब भी मोहन दर्शन देना, राधा रुक्मण साथ रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे
राधे राधे राधे राधे .....
है आनन्द कथा में जब
द्वापर जाने कैसा होगा
तेरे नाम में रस इतना है भरा
तू स्वयं मधुर कितना होगा
स्वाद चखा दे निज भक्ति का, सफल मेरी अरदास रहे
अंत समय आए तो कान्हा, मुख पे तेरा नाम रहे

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